"क्या फिर होगी नकदी पर चोट? ₹500 के नोट को लेकर नायडू का तगड़ा बयान!"


 

₹500 के नोट पर चंद्रबाबू नायडू का बड़ा बयान: 'भ्रष्टाचार की जड़ है बड़ी करेंसी, इसे बंद किया जाए'

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने एक बार फिर से उच्च मूल्यवर्ग के नोटों को लेकर बहस को हवा दे दी है। हाल ही में दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत में भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म करने के लिए ₹500 के नोट को भी बंद कर देना चाहिए। उनका कहना है कि केवल ₹100 और ₹200 तक की करेंसी ही चलन में रहनी चाहिए।

नायडू ने कहा, “जब तक बड़ी करेंसी प्रचलन में रहेगी, भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना संभव नहीं है। सभी बड़े नोट बंद कर देने चाहिए, तभी जाकर काले धन पर लगाम लगेगी।” उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में नकद लेन-देन को लेकर एक बार फिर बहस तेज होती जा रही है।

उनके इस बयान ने साल 2016 की नोटबंदी की यादें ताजा कर दी हैं। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक ₹500 और ₹1,000 के पुराने नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था, जिससे देशभर में हलचल मच गई थी। इसके बाद नए डिज़ाइन में ₹500 के नोट को पुनः जारी किया गया था, जिसमें लाल किले की तस्वीर और ग्रे रंग की थीम दी गई थी।

हाल ही में एक वायरल वीडियो ने भी इस विषय को गर्मा दिया है। एक यूट्यूब चैनल पर दावा किया गया कि सरकार मार्च 2026 से ₹500 के नोटों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने जा रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ और लोगों के बीच भ्रम पैदा हो गया। इस पर केंद्र सरकार को तुरंत प्रतिक्रिया देनी पड़ी। प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने स्पष्ट रूप से कहा कि ₹500 का नोट अभी भी पूरी तरह वैध है और उसे बंद करने की कोई योजना नहीं है।

नायडू ने न केवल करेंसी पर बात की, बल्कि उन्होंने कल्याणकारी योजनाओं (Welfare Schemes) को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी की सोच में कल्याण कोई मुफ्तखोरी नहीं है। पहले के दौर में जब एनटीआर (नंदमूरी तारक रामाराव) ने योजनाएं शुरू की थीं, तब जनता को राहत की जरूरत थी। आज जब देश में संपत्ति बन रही है, तब भी अमीर और गरीब के बीच की खाई और अधिक गहरी हो रही है। इसलिए, सामाजिक संतुलन के लिए कल्याणकारी योजनाएं ज़रूरी हैं।”

नायडू का यह बयान देश में एक नई बहस की शुरुआत कर सकता है—क्या वाकई में बड़ी करेंसी नोट्स, विशेष रूप से ₹500, भ्रष्टाचार और काले धन की मुख्य वजह हैं? क्या डिजिटल भुगतान और छोटे मूल्य के नोटों को बढ़ावा देकर हम पारदर्शिता ला सकते हैं?

अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस मांग पर क्या रुख अपनाती है, और क्या भविष्य में एक और करेंसी सुधार की प्रक्रिया देखने को मिलेगी।

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