एयर इंडिया फ्लाइट 171 क्रैश: 241 की मौत, एक जीवित बचा चमत्कार जैसा
गुरुवार की दोपहर भारत ने एक दर्दनाक और भयावह विमान दुर्घटना का सामना किया, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरते ही कुछ मिनटों में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई, लेकिन चमत्कारिक रूप से एक व्यक्ति, विश्वास कुमार रमेश (38), इस भयावह दुर्घटना में जीवित बच निकले।
कैसे बची विश्वास की जान?
लंदन में रहने वाले विश्वास कुमार रमेश अपने भाई अजय रमेश के साथ अहमदाबाद से लंदन लौट रहे थे। हादसे के बाद जब उन्होंने अपने परिवार से वीडियो कॉल किया, तो उनके शब्द थे – "मुझे नहीं पता मैं कैसे जिंदा हूं।"
उनके छोटे भाई नयन रमेश (27) ने मीडिया को बताया कि विश्वास ने सीधे उनके पिता को वीडियो कॉल किया और कहा – "मुझे मेरा भाई नहीं दिख रहा, कोई यात्री नहीं दिख रहा।" उस समय विश्वास पूरी तरह से सदमे में थे।
दुर्घटना की भयावहता
यह हादसा अहमदाबाद के मेघाणीनगर इलाके में हुआ, जो बीजे मेडिकल कॉलेज के पास एक रिहायशी इलाका है। विमान ने दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से टेकऑफ किया था, लेकिन कुछ मिनटों में ही वह नियंत्रण खो बैठा और एक रिहायशी इमारत से टकरा गया, जिससे वहां भी भारी नुकसान हुआ और आग लग गई।
DGCA और एयर इंडिया ने सोशल मीडिया पर इस हादसे की पुष्टि की। तीन NDRF टीमों को गांधीनगर से तुरंत भेजा गया, वहीं वडोदरा से भी अतिरिक्त सहायता भेजी गई।
घायलों की स्थिति और उपचार
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 265 शवों को लाया गया, जिनमें विमान के यात्री और प्रभावित रिहायशी इमारतों के लोग शामिल हैं।
डॉ. धवल गेमती, जो विश्वास का इलाज कर रहे हैं, ने बताया कि उनके शरीर पर कई चोटें हैं लेकिन उनकी जान को अब खतरा नहीं है। डॉक्टरों ने उन्हें पूरी तरह बेड रेस्ट की सलाह दी है और परिवार ने उनका फोन भी बंद करवा दिया है ताकि वे पूरी तरह से आराम कर सकें।
दुख और राहत साथ-साथ
विश्वास का परिवार, जो लेस्टर, इंग्लैंड में रहता है, इस हादसे के बाद दुख और राहत के दो छोरों पर खड़ा है। एक तरफ उनका बेटा चमत्कारिक रूप से बच गया, तो दूसरी ओर उन्होंने अजय को खो दिया।
नयन रमेश ने कहा – “हम अभी तक इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं। एक तरफ भाई की जान बच गई, दूसरी तरफ एक को खो दिया।”
दुखद रूप से नामचीन चेहरे भी थे सवार
इस विमान में पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे, जिनकी मौत की पुष्टि भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने की।
एयर इंडिया के अनुसार विमान में 242 लोग सवार थे – 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर। इनमें से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक थे।
मुआवजा और समर्थन की घोषणा
टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने घोषणा की कि मृतकों के परिजनों को ₹1 करोड़ की मुआवजा राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा – “हम सभी प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”
निष्कर्ष: मानवता के लिए एक चेतावनी
यह हादसा हमें एक बार फिर याद दिलाता है कि तकनीक कितनी भी विकसित हो जाए, जीवन की नाजुकता पर कोई नियंत्रण नहीं।
जहां पूरा देश इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त कर रहा है, वहीं विश्वास का जीवित बच जाना मानवता के लिए एक आशा की किरण है।

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