UPI नहीं रहेगा फ्री... आरबीआई का बड़ा संकेत, मुफ्त डिजिटल ट्रांजैक्शन का अंत निकट क्यों?
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आज के जमाने में हर एक छोटी से बड़ी खरीदारी भी यूपीआई से हो रही है तो एक बड़ी खबर सामने आई है - आरबीआई का संकेत है कि जो चीज अब तक फ्री थी आने वाले समय में यूपीआई पर शुल्क लग सकता है। यह संकेत सिर्फ आम आदमी के लिए नहीं है बल्कि यह खबर करोड़पतियों के लिए भी है जो कि छोटी से बड़ी खरीदारी भी यूपीआई से ही करते हैं जैसे कि चाय वाले से लेकर बड़े - बड़े शाॅपिंग सेंटर, माॅल इत्यादि तक।
आरबीआई का बड़ा संकेत - खत्म हो सकती है फ्री UPI सेवा
RBI ने हाल ही में एक नीति बैठक के दौरान एक ऐसा नियम नियुक्त किया है जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि डिजिटल पेमेंट सिस्टम को लंबे समय तक टिकाऊ रखने के लिए व्यावसायिक मॉडल में बनाना होगा। इसका सीधा अर्थ यह लग रहा है कि UPI जैसे सुविधाओं में अब तक फ्री था, उन पर अब भविष्य में शुल्क लगाया जा सकता है। यह संकेत इस ओर इशारा कर रहा है कि भविष्य में हम किसी को भी ₹1 या ₹10 भेजेंगे तो हमें कुछ अतिरिक्त शुल्क चुकानी होगी।
UPI पे चार्ज लगने पर तयारी शुरू और क्या है UPI के सफलता का बैकबोन टेक्नोलॉजी।
पिछले कुछ साल में भारत ने upi त्रन्सक्तिओन में बहुत बढ़ोतरी हुई है | सब्जी वाले से लेकर बड़े बिज़नस तक बहुत ने लिया फोनेपे , paytm ,भारतपे इत्यादी | चाहे वह त्रन्सक्तिओन २ रूपए का हो या २००००० का सबको एक लत से लग गयी | पर आगे आने वाले समय में upi पे चार्ज भी लग सकता है | UPI को 2016 में लाया गया था और ये नोतेबंदी के समय बहुत काम आया अगर कोई सुनता की “मैंने मोबाइल से 2 मिनट में पेमेंट किया दुकानदार को ” क्या सही में ऐएसा संभव है क्या तभी ऐसे सब बोलते थे |और आज भारत का सबसे छाए जाने वाला पेमेंट सिस्टम |इसके पीछे NPCI (National Payment Corporation of India) का हाथ है जिसने 24X7 काम किया और कोई त्रन्सक्तिओन गलत न हो उसपे ध्यान दिया ।
पहले फ्री क्यों था और क्या पॉसिबल रीज़न हक्या है ?
पहले चार्ज नही लगता था पर चार्ज लगता था और उसे NPCI मिलकर हैंडल कर लेता था | पर एक ओफ़्फ़ीअल नोटिस आया RBI के तरफ से की इसे कायम रखने के लिए चार्ज लगाना सही रहेगा | संभतः सिस्टम मेंटेनेंस करना तोह होगा इससे फ्री में सब कुछ संभव नही है | हर त्रन्सक्तिओन के पिच्छे मैनातैंस कास्ट होता है पर नही लिया जाता | बैंक्स में पैसा हर रोज जाता आता है तो UPI हैंडल करना थोरा मुस्किल होता है | यहाँ फ्री उसे हैं उतना यहाँ फ्रॉड भी तो है तो उसको हैंडल करना परता है और वो महंगा होता है |
क्या सरकार को रुक कर थोरा रिलीफ देना चैये और इम्पैक्ट क्या परेगा और सलूशन क्या हो सकता है
इससे पहले भी सर्कार ने 2022 में इससे लाना चाहा पर मिनिस्ट्री ने इसे प्रमोट के लिए फ्री रखना जरुरी है | अगर UPI पर चार्ज लगा दिया तो वो 1रु हर लें दें पर लगेगा इसका इफ़ेक्ट छूते बिज़नेसमेन एयर वेंडर भी ओनली केस का आप्शन रखेगा। उसेर्स छूते पेमेंट नही करेंगे |काश बेस्ड इकॉनमी बढ़ेगी फिर से एक बार।
निष्कर्ष
अभी के लिए राहत की बात है कि यूपीआई पर कोई आधिकारिक चार्ज नहीं लगा। लेकिन आरबीआई का जो परामर्श पत्र आया है, उसमें एक महत्वपूर्ण संवाद शुरू हुआ है - क्या डिजिटल सुविधा हमेशा के लिए मुफ्त हो सकती है? UPI ने करोड़ों भारतीयों को डिजिटल दुनिया से जोड़ा है। ये सिर्फ एक भुगतान विधि नहीं है, एक आदत बन गई है। इसलिए कोई भी बदलाव सोच-समझकर करना।
अगर सही साधन कहा जाए - जैसे न्यूनतम शुल्क, चुनिंदा उपयोगकर्ताओं के लिए शुल्क, और मजबूत जागरूकता - तो यूपीआई का भविष्य सुरक्षित रह सकता है। पर अगर इसे बिना प्लानिंग के लागू किया जाए, तो डिजिटल इंडिया का सपना कहीं धीमा न पड़ जाए।
अगर कोई दुकानदार एक दिन में 50 ग्राहंक आते है उनमे से 30 अगर ऑनलाइन देते हैं तो 1*30 ही लिया जाये तो ये एक बड़ा अंक है इससे एक कोल्ड्रिंक आ जायेगा और एक चॉकलेट। हाई वैल्यू पे ही चार्ज लगे जैसे 5000 से ऊपर के सारे पेमेंट पर लगा दिया जाय। जिससे छूते दुकानदार अच्छे से व्यापर कर पीयेंगे औ इजी पेमेंट रहेगा। जाब तक इंडिया फुल डिजिटल रेडी नही होता तब तक सर्कार उठाये।



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