"अब खामेनेई की बारी? इज़रायली अधिकारी बोले – 'सुप्रीम लीडर भी सुरक्षित नहीं!'"

 


इसराइल बनाम ईरान: 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' से भड़की जंग, खामेनेई पर सीधा वार संभव?

मध्य-पूर्व एक बार फिर भयंकर संकट की ओर बढ़ रहा है। इज़राइल द्वारा शुक्रवार को लॉन्च किया गया "ऑपरेशन राइजिंग लायन" अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला साबित हो रहा है, जिसमें ईरान के परमाणु ठिकानों और उच्च सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया गया है। जवाब में ईरान ने "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III" के तहत इज़राइल पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। तनाव अब एक ऐसे मोड़ पर पहुंच चुका है जहाँ दोनों देशों के बीच सीधा युद्ध कभी भी शुरू हो सकता है।

इज़राइल ने ईरान पर क्यों किया हमला?

इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के अनुसार, यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को "खत्म करने" के लिए जरूरी था। उनका कहना है कि ईरान का परमाणु हथियार कार्यक्रम इज़राइल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है। यही कारण है कि ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान के नतान्ज़ (Natanz) यूरेनियम संवर्धन केंद्र पर विशेष हमला किया गया, जहाँ संरचनात्मक गिरावट (structural collapse) की खबरें हैं।

इसके अलावा, इज़राइल ने दावा किया है कि उसने कई शीर्ष ईरानी वैज्ञानिकों और सैन्य जनरलों को भी इस ऑपरेशन में खत्म कर दिया है। इन हमलों के पीछे साफ संदेश है — अगर ईरान परमाणु हथियारों की दिशा में कदम बढ़ाएगा, तो इज़राइल चुप नहीं बैठेगा।

खामेनेई पर सीधा हमला संभव?

इस पूरे प्रकरण में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इज़राइल के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिकी अखबार The Wall Street Journal को दिए गए इंटरव्यू में कहा है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को भी निशाना बनाया जा सकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि "कोई भी विकल्प टेबल से बाहर नहीं है।"

इस तरह की टिप्पणी यह संकेत देती है कि अब लड़ाई सिर्फ परमाणु ठिकानों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह ईरान की सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने का इरादा रखती है।

ईरान की जवाबी कार्रवाई: ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III

इज़राइल के हमले के कुछ ही घंटों बाद, ईरान ने "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III" के तहत जबर्दस्त जवाबी हमला किया। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) की एयरोस्पेस डिवीजन ने शनिवार देर रात इज़राइली ठिकानों पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार की। इन मिसाइलों ने यरुशलम और तेल अवीव के आसमानों को दहला दिया।

ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने एक वीडियो संदेश में कहा, "हम इस अपराध का बदला लेंगे। वे अब सुरक्षित नहीं बच सकते।" ईरान की यह प्रतिक्रिया उसकी आक्रामक सैन्य नीति की स्पष्ट झलक है।

क्या यह तनाव पूर्ण युद्ध में बदलेगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष अब सिर्फ जवाबी हमलों तक सीमित नहीं रहेगा। अगर इज़राइल खामेनेई जैसे शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने की कोशिश करता है, तो ईरान सीधे युद्ध में उतर सकता है। इस स्थिति में न सिर्फ पूरा मध्य-पूर्व बल्कि वैश्विक बाजार, तेल आपूर्ति और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति भी गहरे संकट में पड़ सकती है।

भारत के लिए क्या है चिंता?

भारत के लिए यह संघर्ष एक बड़ी कूटनीतिक चुनौती है। एक ओर ईरान से उसकी ऊर्जा जरूरतें जुड़ी हैं, तो दूसरी ओर इज़राइल उसका रणनीतिक साझेदार है। भारत को इस स्थिति में अत्यंत संतुलित रुख अपनाना होगा।


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