“अगर टारगेट पाकिस्तान में है, तो वहीं तक जाएंगे”– जयशंकर की चेतावनी से गर्माया माहौल

 


कूटनीतिक तल्खी बढ़ी: जयशंकर के बयान से भड़का पाकिस्तान, भारत ने सुनाई आतंक पर खरी-खरी

भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है और इस बार मामला क्या था, ये भी जानते होंगे, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रसेल्स में दिए गए अपने तीखे बयानों के जरिए पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा है, और बौखलाए हुए पाकिस्तान ने अब आधिकारिक बयान जारी कर भारत पर ‘आक्रामक बयानबाज़ी’ और ‘गुमराह करने वाले नैरेटिव’ फैलाने का आरोप लगाया है।

 पाकिस्तान ने कहा— "शांति की बात करें, न कि युद्ध की पंक्तियां"

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एस. जयशंकर के बयानों की निंदा करते हुए कहा:

“भारत के विदेश मंत्री द्वारा ब्रसेल्स में की गई गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों को पाकिस्तान पूरी तरह खारिज करता है। एक वरिष्ठ राजनयिक की भाषा को शांति और सद्भाव बढ़ाने वाली होनी चाहिए, न कि भड़काऊ बयानबाजी से भरी।”

इस बयान के ज़रिए पाकिस्तान ने यह दर्शाने की कोशिश की कि वह शांति और संवाद में विश्वास करता है, जबकि भारत कथित रूप से “आक्रामक रुख” अपनाए हुए है।


🗣️ क्या कहा था एस. जयशंकर ने?

ब्रसेल्स में मीडिया से बातचीत के दौरान जयशंकर ने पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर पुराने रिकॉर्ड को सामने रखते हुए कहा:

“क्या आपको याद है ओसामा बिन लादेन? वो शख्स पाकिस्तान की सैन्य छावनी में सालों तक कैसे छिपा रहा? और वो भी उनके वेस्ट पॉइंट जैसे संस्थान के बगल में।”

जयशंकर ने दो टूक कहा कि यह सिर्फ भारत-पाकिस्तान का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह आतंकवाद का वैश्विक संकट है—और जो देश आज इसे नजरअंदाज कर रहे हैं, कल यही संकट उनके दरवाजे पर दस्तक देगा।


🧨 पाकिस्तान का पलटवार: 'झूठा शिकार बनने का नाटक'

पाकिस्तान ने भारत पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा:

“भारत एक फर्जी पीड़ित की कहानी रचकर पूरी दुनिया को गलत जानकारी दे रहा है, ताकि अपनी हालिया सैन्य कार्रवाइयों को उचित ठहरा सके।”

इसके साथ ही पाकिस्तान ने दावा किया कि वह शांति और कूटनीति में भरोसा रखता है, लेकिन अगर उसकी संप्रभुता पर कोई हमला होता है तो वह उसका “मुंहतोड़ जवाब” देने के लिए पूरी तरह सक्षम है।


⚔️ ऑपरेशन सिंदूर: भारत का करारा जवाब

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। इसके बाद भारत ने 7 मई की सुबह "ऑपरेशन सिंदूर" नाम से बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया।

इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एक साथ हवाई हमले किए गए, जिसमें करीब 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की सूचना है।

इसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर चार दिनों तक रॉकेट, ड्रोन, और फाइटर जेट्स के जरिए भारी सैन्य झड़पें हुईं। 10 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम की स्थिति पर सहमति जताई और संघर्षविराम लागू हुआ।


🚨 भविष्य की दिशा: क्या बढ़ेगा तनाव?

जयशंकर ने हाल ही में दिए एक और इंटरव्यू में साफ कहा:

“अगर आतंकवादी ठिकाने पाकिस्तान के अंदर गहराई में भी हों, तो भारत वहां तक जाकर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।”

उनके इस बयान को भारत की नई सुरक्षा नीति का संकेत माना जा रहा है, जिसमें "आतंक के स्रोत को नष्ट करना" प्राथमिकता बन चुका है।


📌 निष्कर्ष: कूटनीति से ज़्यादा ज़मीन पर बदल रहा है समीकरण

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से साफ है कि भारत के सख्त रुख ने उसे असहज कर दिया है। एक तरफ भारत आतंकवाद के खिलाफ ‘नो टॉलरेंस’ की नीति पर अडिग है, वहीं पाकिस्तान खुद को शांति का पक्षधर बताने की कोशिश कर रहा है।

हालांकि, हकीकत यह है कि जब तक आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक न तो क्षेत्र में स्थिरता आ सकती है और न ही वैश्विक समुदाय भारत की चिंताओं को नज़रअंदाज़ कर सकता है।

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