NATO के डिफेंस खर्च में उछाल से HAL और BEL के शेयरों में तेजी, जानिए पूरी रिपोर्ट

  NATO के डिफेंस खर्च में बढ़ोतरी का असर: HAL, BEL जैसे भारतीय रक्षा स्टॉक्स में तेजी, निफ्टी डिफेंस इंडेक्स में 1% उछाल

भारतीय स्टॉक्स HAL और BEL की तेजी दिखाते हुए ट्रेडिंग फ्लोर की डिजिटल तस्वीर, बैकग्राउंड में नाटो का लोगो और बढ़ता हुआ ग्राफ


27 जून 2025 को नई दिल्ली: अब भारतीय शेयर बाजार भी वैश्विक रक्षा रणनीतियों में हो रहे बड़े बदलावों से प्रभावित हो रहा है। खासकर रक्षा कंपनियों के स्टॉक्स में तेजी देखी गई है। वास्तव में, नाटो (NATO) देशों ने रक्षा खर्च को 2035 तक जीडीपी के 5% तक बढ़ाने का ऐलान किया है, जिससे रक्षा स्टॉक्स में बड़ी खरीदारी हुई है।

Read this also 👉https://www.thenukkadnews.in/2025/06/modi-brics-dinner-xi-absence-2025.html

NATO का बड़ा ऐलान और भारतीय कंपनियों को उम्मीद

हाल ही में हुई नाटो समिट में, 32 सदस्य देशों ने घोषणा की कि वे 2035 तक अपने जीडीपी का 5% रक्षा और सुरक्षा पर खर्च करेंगे। भारत जैसे देशों को भी इस ऐतिहासिक फैसले से फायदा होगा, जो अब रक्षा निर्यात को तेजी से बढ़ावा दे रहे हैं।

गुरुवार की सुबह, इस घोषणा के बाद भारत की प्रमुख रक्षा कंपनियां हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के शेयरों में 1% की वृद्धि हुई। इसके साथ ही निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई।

कौन-कौन से शेयर रहे तेजी में?

HAL और BEL जैसे प्रसिद्ध PSU कंपनियों में खरीददारी हुई

भारत डायनामिक्स, DCX Systems और Gardan Ridge Shipbuilders के शेयरों में भी तेजी आई

निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स बंद हो गया
भारतीय स्टॉक्स HAL और BEL की तेजी दिखाते हुए ट्रेडिंग फ्लोर की डिजिटल तस्वीर, बैकग्राउंड में नाटो का लोगो और बढ़ता हुआ ग्राफ

भारत का रक्षा निर्यात: तेजी से हो रहा विस्तार

पिछले कुछ वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात बहुत अधिक बढ़ा है। २०१७-१८ में निजी क्षेत्र की भागीदारी केवल १३% थी, लेकिन २०२३-२४ तक यह ६२% हो गई है। 2023-24 में, रक्षा निर्यात 46% प्रति वर्ष बढ़कर ₹21,100 करोड़ तक पहुंच गया है।

रक्षा निर्यात में शामिल होने वाले प्रमुख मुद्दे:

मिसाइलों का

रडार प्रणाली

बख्तरबंद ट्रक

भारत अब 85 से अधिक देशों को रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है। इनमें फ्रांस, अर्मेनिया और अमेरिका भी शामिल हैं। भारत ने निम्नलिखित माल निर्यात किए हैं:

स्मॉल हथियार

रेडार प्रणाली

को-प्रोडक्शन परियोजनाएं शामिल हैं।

भारत विश्व का सबसे बड़ा आयातक बन गया है, 9.8% ग्लोबल शेयर 2019–2023 में, लेकिन वैश्विक रक्षा निर्यात बाजार में भारत की हिस्सेदारी फिलहाल केवल 0.2% है। इसलिए भारत को निर्यात बढ़ाने की बड़ी संभावनाएं मिलती हैं।

‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत का असर

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत सरकार अब तेजी से काम कर रही है। इसके अधीन:

रक्षा निकायों को बढ़ावा

निजी क्षेत्र की भागीदारी

आयात निर्भरता कम करने के लिए एक नीति

रक्षा उत्पादन में अधिक निवेश की योजनाएं

InCred Equities की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रक्षा निर्यात ₹5 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है 2028 से 2022 तक।

निष्कर्ष:

NATO सदस्य देशों द्वारा रक्षा खर्चों में वृद्धि का घोषणा करना भारत के लिए एक अच्छा अवसर बन सकता है। अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ने से HAL, BEL और अन्य घरेलू रक्षा कंपनियों को सीधा लाभ मिल सकता है। भारत भविष्य में वैश्विक रक्षा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी बनकर उभर सकता है अगर वह ‘मेक इन इंडिया’ को और मजबूत बनाता है।

Read this also 👉https://www.thenukkadnews.in/2025/06/sensex-nifty-it-energy-stocks-aurobindo-pharma-uk-approval%20%20.html

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ