"रूस में हो रहा है 'कावेरी' इंजन का परीक्षण, भारत के स्वदेशी UCAV को मिलेगा नया दम"

 "रूस में हो रहा है 'कावेरी' इंजन का परीक्षण, भारत के स्वदेशी UCAV को मिलेगा नया दम"


🇮🇳 भारत का आत्मनिर्भर रक्षा कदम: रूस में हो रहे हैं 'कावेरी' जेट इंजन के ट्रायल, स्वदेशी UCAV को मिलेगा बल

नई दिल्ली: भारत की सर्वोच्च रक्षा अनुसंधान संस्था DRDO (Defence Research and Development Organisation) रूस के अंदर स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा 'कावेरी' जेट इंजन का टेस्ट कर रही है।

DRDO से जुड़े रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, रूस में इंजन के लगभग 25 घंटे के परीक्षण अभी बाकी हैं। जैसे-जैसे परीक्षणों के लिए स्लॉट उपलब्ध होते हैं, ट्रायल को आगे बढ़ाया जा रहा है।

🔧 'कावेरी' का नया मकसद: अब UCAV को मिलेगा स्वदेशी इंजन

पहले जिस कावेरी इंजन को भारत के स्वदेशी LCA (Light Combat Aircraft) के लिए विकसित किया जा रहा था, वही अब एक बार फिर चर्चा में है — लेकिन इस बार उद्देश्य अलग है। DRDO अब इस इंजन को स्वदेशी UCAV परियोजना के लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है।

हाल ही में सोशल मीडिया पर #FundKaveri जैसे ट्रेंड के जरिए भी लोगों ने इस इंजन को लेकर सरकार से विशेष ध्यान देने की मांग की है।

🛩️ LCA में नहीं हो पाया था उपयोग, अब नई उम्मीद

कावेरी इंजन को मूल रूप से LCA तेजस के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन तकनीकी चुनौतियों और देरी की वजह से इसकी जगह अमेरिकी GE-404 इंजन का उपयोग किया गया। फिलहाल 32 तेजस मार्क 1 और उनके ट्रेनर वर्जन GE-404 से ही उड़ान भर रहे हैं।

आने वाले 83 LCA Mark 1A को भी GE-404 से ही शक्ति मिलने वाली थी, लेकिन अमेरिकी कंपनी द्वारा आपूर्ति में देरी के कारण योजनाएं कुछ समय के लिए टल गई हैं।

DRDO अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि कावेरी इंजन को एक एलसीए विमान में लगाया जा सकता है, ताकि उसकी प्रदर्शन क्षमता को दर्शाया जा सके।

🤝 भविष्य के लिए विदेशी साझेदारी की योजना

DRDO फिलहाल एक और महत्वपूर्ण योजना पर काम कर रहा है — जिसमें एक विदेशी कंपनी के साथ साझेदारी कर अगली पीढ़ी के फाइटर जेट्स के लिए एक अधिक शक्तिशाली इंजन तैयार किया जाएगा। यह इंजन खासतौर पर भारत के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) के मार्क 2 वर्जन के लिए होगा।

इस संबंध में भारत की बातचीत फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका की कई बड़ी एयरोस्पेस कंपनियों से चल रही है, और जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

🇮🇳 आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

कावेरी इंजन को DRDO की Gas Turbine Research Establishment (GTRE) ने डिजाइन और विकसित किया है। इसका उद्देश्य न केवल भारत को इंजन निर्माण में आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि विदेशी निर्भरता को भी खत्म करना है — जो अब तक भारतीय वायुसेना के लिए एक प्रमुख चिंता रही है।

सरकार की Make in India और Atmanirbhar Bharat पहल के तहत यह इंजन भारत की रक्षा तैयारियों को नया आयाम दे सकता है।


निष्कर्ष:

'कावेरी' इंजन की कहानी तकनीकी संघर्षों और असफलताओं से शुरू होकर अब नई संभावनाओं और स्वदेशी गर्व तक पहुंच रही है। यदि यह प्रयास सफल रहा, तो यह भारत को ना सिर्फ एक शक्तिशाली UCAV देगा, बल्कि यह रक्षा उत्पादन में भी वैश्विक मानचित्र पर एक नया स्थान दिला सकता है।

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