"500 अरब डॉलर का सपना! भारत-अमेरिका व्यापार समझौता तय"
🇮🇳🤝🇺🇸 भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: जून के अंत तक हो सकता है बड़ा ऐलान, बातचीत अंतिम चरण में
नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चल रही व्यापार वार्ता अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement - BTA) को
अमेरिका के इस दिशा में अहम पहल के तहत एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल जून में भारत आने वाला है जो दोनों देशों के बीच व्यापारिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करेगा।
🔍 क्या है इस प्रस्तावित व्यापार समझौते का उद्देश्य?
फिलहाल प्राथमिकता एक "अंतरिम व्यापार व्यवस्था" (Interim Trade Arrangement) तैयार करने पर है, जिससे अंतिम द्विपक्षीय समझौते की राह आसान हो सके — खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया 26% पारस्परिक शुल्क (reciprocal tariff) 9 जुलाई तक अस्थायी रूप से निलंबित है।
यह शुल्क अमेरिका ने 2 अप्रैल को लागू किया था, हालांकि भारतीय निर्यात अभी भी अमेरिका के 10% के मानक शुल्क का सामना कर रहे हैं।
🤝 कूटनीतिक पहल: दोनों देशों के बीच क्या हुआ अब तक?
भारत की ओर से वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल, जो इस वार्ता के मुख्य वार्ताकार हैं, हाल ही में वॉशिंगटन की चार दिवसीय यात्रा से लौटे हैं। वहाँ उन्होंने अमेरिकी समकक्षों के साथ व्यापार समझौते से जुड़ी बारीकियों पर चर्चा की।
इसके साथ ही वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी अमेरिका का दौरा किया, जहाँ उन्होंने अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक के साथ दो महत्वपूर्ण बैठकें कीं।
📌 मुख्य मुद्दे जिन पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है:
🇮🇳 भारत की प्राथमिकताएं:
-
अमेरिका द्वारा लगाए गए 26% शुल्क से पूरी तरह राहत की मांग।
-
श्रम-गहन क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए शुल्क में छूट की कोशिश — जैसे:
-
वस्त्र (Textiles)
-
रत्न और आभूषण (Gems & Jewellery)
-
चमड़ा उत्पाद
-
कृषि उत्पाद (केले, अंगूर)
-
झींगा, रसायन, प्लास्टिक, तेल बीज
-
🇺🇸 अमेरिका की मांगें:
-
औद्योगिक उत्पाद, ऑटोमोबाइल (विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहन), दुग्ध उत्पाद, शराब, एग्रो प्रोडक्ट्स (जैसे सेब, ट्री नट्स, जीएम फसलें) पर भारत में शुल्क में कटौती।
हालांकि, भारत जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) फसलों के आयात को लेकर सख्त नीति बनाए हुए है। फिर भी, भारत गैर-GM उत्पादों, जैसे अल्फा-अल्फा घास (पशु चारे के लिए) के आयात के लिए तैयार है।
📈 भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों की वर्तमान स्थिति:
-
वर्ष 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा।
-
इस वर्ष दोनों देशों के बीच कुल व्यापार $131.84 अरब तक पहुँच चुका है।
-
अमेरिका भारत के कुल वस्त्र निर्यात में 18%, आयात में 6.22% और कुल व्यापार में 10.73% का भागीदार है।
-
भारत ने $41.18 अरब का व्यापार अधिशेष (Surplus) दर्ज किया — जो पिछले वर्षों की तुलना में लगातार बढ़ रहा है।
| वित्तीय वर्ष | भारत का व्यापार अधिशेष (USD) |
|---|---|
| 2020-21 | $22.73 अरब |
| 2021-22 | $32.85 अरब |
| 2022-23 | $27.7 अरब |
| 2023-24 | $35.32 अरब |
| 2024-25 | $41.18 अरब |
अमेरिका ने इस बढ़ते व्यापार असंतुलन को लेकर चिंता भी जाहिर की है।
🎯 भविष्य की योजना: $500 अरब का लक्ष्य
दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 अरब तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है, जो मौजूदा स्तर से दो गुना से भी अधिक होगा।
📊 निष्कर्ष:
भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौता न सिर्फ मौजूदा चुनौतियों को अवसर में बदल सकता है, बल्कि यह नए बाज़ारों तक पहुंच, निर्यात में बढ़त और वैश्विक स्तर पर रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का भी माध्यम बन सकता है।
वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में भी यह संकेत दिया गया है कि यह समझौता भारत की आर्थिक रणनीति के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

0 टिप्पणियाँ