🚨 अयोध्या में ज़मीनों की कीमतों में ज़बरदस्त उछाल: 30% से 200% तक बढ़े सर्किल रेट, राम मंदिर क्षेत्र में 150% की छलांग!
अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में अब ज़मीन खरीदना और भी महंगा हो गया है। लगभग आठ साल बाद सर्किल रेट में भारी बढ़ोतरी की गई है, जो 30% से लेकर 200% तक के बीच है। खास बात यह है कि राम जन्मभूमि मंदिर के 10 किलोमीटर के दायरे में यह बढ़ोतरी 150% से भी अधिक दर्ज की गई है।
यह बदलाव सोमवार से लागू हो गया है, जिससे अयोध्या के प्रमुख इलाकों जैसे कि रकाबगंज, देवकाली और अवध विहार रेजिडेंशियल स्कीम्स में ज़मीन के दाम रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गए हैं।
🔍 क्या है सर्किल रेट?
सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर किसी संपत्ति की सरकारी रजिस्ट्रेशन होती है। इसी रेट के आधार पर स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फीस और लैंड अक्विज़िशन के मुआवज़े तय किए जाते हैं। जब सर्किल रेट बढ़ता है, तो रियल एस्टेट ट्रांजैक्शन में पारदर्शिता भी बढ़ती है।
📈 कहाँ-कहाँ हुआ सबसे बड़ा असर?
सदर (फैज़ाबाद) के उप-पंजीयक शांतिभूषण चौबे के अनुसार, सबसे ज्यादा उछाल उन इलाकों में आया है जहाँ ज़मीनों की खरीद-फरोख्त सबसे अधिक होती रही है।
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रकाबगंज, देवकाली और अवध विहार जैसे इलाके अब ज़िले के सबसे महंगे क्षेत्र बन चुके हैं।
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पहले जहां राम मंदिर क्षेत्र के आस-पास सर्किल रेट 6,650 से 6,975 रुपये प्रति वर्ग मीटर थे, अब ये बढ़कर 26,600 से 27,900 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गए हैं।
🏗️ किस प्रकार की ज़मीन पर कितना असर?
सर्किल रेट की यह बढ़ोतरी आवासीय, वाणिज्यिक और कृषि भूमि — तीनों के लिए अलग-अलग तय की गई है। इसका निर्धारण इलाके की मांग और उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
💬 रियल एस्टेट विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
सौरभ विक्रम सिंह, जो अयोध्या में एक बिल्डर फर्म के डायरेक्टर हैं, का कहना है,
"सर्किल रेट में बढ़ोतरी से स्टांप ड्यूटी जरूर बढ़ेगी, लेकिन इससे ज़मीन मालिकों को फायदा होगा। अब बैंक लोन के लिए प्रॉपर्टी वैल्यू अधिक मानी जाएगी।"
वहीं, विवेक अग्रवाल, एक रियल एस्टेट डेवलपर कहते हैं,
"सर्किल रेट को ज़मीनी हकीकत के करीब लाने से 'सफेद और काले धन' की समस्या पर लगाम लग सकती है। इससे ट्रांजैक्शन में पारदर्शिता आएगी।"
🧭 इस बढ़ोतरी का व्यापक असर:
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छोटे निवेशकों के लिए अब अयोध्या में प्रवेश महंगा होगा।
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राम मंदिर के आसपास की रियल एस्टेट मार्केट में जबरदस्त उछाल की संभावना।
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बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों और बिल्डरों की दिलचस्पी और अधिक बढ़ेगी।
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भूमि अधिग्रहण मामलों में मुआवज़ा भी अब ज़्यादा मिलेगा।
🛑 क्या हैं चुनौतियाँ?
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अधिक सर्किल रेट से स्टांप ड्यूटी के खर्च में इज़ाफ़ा होगा।
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गरीब और मध्यम वर्गीय खरीदारों के लिए ज़मीन खरीदना मुश्किल हो सकता है।
निष्कर्ष:
राम जन्मभूमि के इर्द-गिर्द बढ़ती धार्मिक पर्यटन गतिविधियों, तेजी से हो रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और निवेशकों की दिलचस्पी को देखते हुए यह सर्किल रेट संशोधन एक अनुमानित कदम था। लेकिन इसकी आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर गहरी छाप पड़ने वाली है।

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