"चीन देगा पाकिस्तान को स्टेल्थ फाइटर J-35A और 400 KM रेंज वाली PL-17 मिसाइल, क्या भारत तैयार है?"

 चीन से पाकिस्तान को J-35 फाइटर जेट की डिलीवरी तय: भारत के लिए आसमान में बढ़ता खतरा



 नई दिल्ली –चीन ने पाकिस्तान को अपना सबसे उन्नत फिफ्थ जनरेशन स्टेल्थ फाइटर J-35A देने का फैसला किया है। इस लड़ाकू विमान को एडवांस्ड एंड फियरसोम PL-17 एयर-टू-एयर मिसाइल से लैस किया गया है। जिसकी रेंज 400 किलोमीटर तक बताई जा रही है। यह डील पाकिस

PL-17 मिसाइल: सिर्फ हथियार नहीं, रणनीतिक संतुलन बदलने वाला गेमचेंजर

PL-17 को केवल एक अपग्रेडेड मिसाइल नहीं, बल्कि ‘बैटलफील्ड इक्वलाइज़र’ कहा जा रहा है। यह मिसाइल विशेष रूप से ऐसे हाई-वैल्यू टार्गेट्स को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जैसे — AWACS (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम), एयरबोर्न कमांड सेंटर्स और रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट — जो अभी तक खुद को सुरक्षित मानते रहे हैं।

नाटो कोडनेम CH-AA-12 Auger के नाम से पहचानी जाने वाली इस मिसाइल की लंबी रेंज और उच्च सटीकता इसे किसी भी मुकाबले में खतरनाक बढ़त देती है।

पाकिस्तान पहले ही भारत के खिलाफ PL-15 मिसाइल का उपयोग कर चुका है। अब जब वही देश एक स्टेल्थ फाइटर पर PL-17 जैसी मिसाइल तैनात कर रहा है, तो इसका मतलब केवल "डॉगफाइट" नहीं बल्कि "डिटेक्शन से पहले ही तबाही" है।


✈️ J-35 फाइटर: हवा में दिखे बिना मार करने वाली मशीन

J-35 (जिसे चीन में FC-31 या Gyrfalcon कहा जाता है) एक ट्विन इंजन, सिंगल सीट मल्टीरोल स्टेल्थ फाइटर है। यह विशेष स्टेल्थ डिज़ाइन, DSI एयर इनलेट्स और रडार-रेजिस्टेंट कॉम्पोजिट मटेरियल से बना है, जिससे यह L-बैंड और Ku-बैंड रडार से बच निकलता है

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी पायलट चीन में प्रशिक्षण ले रहे हैं, और सौदे के तहत पाकिस्तान को 40 J-35 फाइटर मिलने की संभावना है। डिलीवरी जल्द शुरू हो सकती है।


🇮🇳 भारत के लिए खतरे की घंटी क्यों है?

भारत वर्तमान में Rafale और Su-30MKI जैसे 4.5 जेनरेशन फाइटर्स का संचालन कर रहा है। जबकि स्वदेशी AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोग्राम अभी विकास के चरण में है और इसका पहला प्रोटोटाइप 2028 से पहले आने की उम्मीद नहीं है।

ऐसे में पाकिस्तान को J-35 जैसी स्टेल्थ तकनीक मिलना, भारत के लिए आने वाले वर्षों में हवाई संतुलन को चुनौती देने वाला हो सकता है।

PL-17 की अनुमानित रेंज भारत की Astra MkII मिसाइल से भी 60 किलोमीटर ज्यादा है। इसका मतलब है कि पाकिस्तानी लड़ाकू विमान, भारतीय विमानों को उनके टारगेट रेंज में आने से पहले ही मार गिरा सकते हैं

और यदि ये J-35 फाइटर्स चीन के सैटेलाइट नेटवर्क से जुड़ते हैं, तो यह उन्हें रियल-टाइम बैटलफील्ड इंटेलिजेंस देगा — जो उन्हें "इनविज़िबल शिकारी" बना सकता है।


🛡️ भारत की रणनीति: तेजी से बदलाव की जरूरत

भारत के पास पहले से S-400 ट्रायंफ सिस्टम है, जिसने 314 किलोमीटर दूर पाकिस्तानी AWACS को मार गिराकर दुनिया को चौंका दिया था। लेकिन स्टेल्थ जेट्स के खिलाफ केवल डिफेंस सिस्टम काफी नहीं।

  • Astra MkIII, जिसकी रेंज लगभग 340 किलोमीटर हो सकती है, फिलहाल विकास के चरण में है।

  • AMCA प्रोजेक्ट को तेज़ी से आगे बढ़ाना अब राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिए।

  • इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, लो-RCS टारगेट डिटेक्शन, और नेटवर्क-सेंट्रिक ऑपरेशन** जैसे क्षेत्रों में भी भारत को अपनी क्षमताएं मजबूत करनी होंगी।


🧠 चीन की चाल: सिर्फ रक्षा नहीं, कूटनीति भी

इस डील को केवल एक रक्षा समझौता नहीं माना जाना चाहिए। यह चीन द्वारा पाकिस्तान को एक रणनीतिक मोहरे की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश है — भारत को घेरने और दबाव में रखने के लिए, बिना खुद सीधे टकराव में आए।

सेवानिवृत्त IAF स्क्वाड्रन लीडर विजयेंद्र ठाकुर ने कहा है:

"स्टेल्थ फाइटर के खिलाफ पारंपरिक डिफेंस सिस्टम लगभग बेअसर हो जाते हैं। J-35 पहले हमला करता है, और तब दिखाई देता है। यही उसकी असली ताकत है।"


🕒 भारत के पास समय सीमित है

J-35 और PL-17 का यह कॉम्बिनेशन केवल एक नई तकनीक नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी है। भारत को अपनी हवाई क्षमता और रक्षात्मक सोच दोनों में तेज़ बदलाव लाना होगा — क्योंकि अब मुकाबला केवल ज़मीन पर नहीं, बल्कि आसमान में नियंत्रण के लिए हो रहा है।

हर देरी पाकिस्तान को अगली पीढ़ी के हवाई युद्ध में एक लंबी उड़ान दे रही है — और चीन उसके रनवे को ईंधन दे रहा है।

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