पाकिस्तान ने पीएम मोदी के पाहलगाम हमले पर दिए बयान पर जताई नाराज़गी, भारत ने दी दो टूक प्रतिक्रिया
नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान पर सीधे आरोप लगाए जाने के बाद इस्लामाबाद ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया करते हुए "गहरा दुख" जताया है।
कटरा में किसी कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले को "इंसानियत और कश्मीरियत पर हमला" बताया, उन्होंने कहा कि इसका मकसद देश में दंगा फैलाना और कश्मीरी नागरिकों की आजीविका को नुकसान पहुंचाना था।
"इस हमले का मकसद भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाना और मेहनतकश कश्मीरियों की रोज़ी-रोटी लूटना था इसलिए पाकिस्तान ने पर्यटकों को निशाना बनाया" प्रधानमंत्री ने कहा।
प्रधानमंत्री ने पांच घंटे के अभियान की जानकारी देते हुए कश्मीर के युवाओं की सराहना करते हुए कहा, कि अब वे आतंकवाद के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
"यही आतंकवाद कभी स्कूल जलाता था, अस्पतालों को तबाह करता था और पूरी पीढ़ियों को बर्बाद कर देता था। लेकिन अब कश्मीर का युवा जवाब देने के लिए तैयार है।"
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी के बयान को "निराधार और भ्रामक" बताते हुए पूरी तरह से खारिज कर दिया।
बयान में कहा गया:
"हमें गहरा दुख है कि भारतीय प्रधानमंत्री ने एक बार फिर बिना किसी ठोस साक्ष्य के पाकिस्तान पर आरोप लगाए हैं। हम इन बेबुनियाद दावों को सख्ती से नकारते हैं।"
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरान इलाके में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे, की जान चली गई। इस जघन्य घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि का स्थगन भी शामिल है।
इसके बाद 7 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत करते हुए पाकिस्तान और पीओके में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त हमले किए। इसमें 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया गया।
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई और भारत की निर्णायक तैयारी
भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भी सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन, निहत्थे विमान और गोला-बारी के ज़रिए जवाब देने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने इन सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया।
9 से 10 मई की रात, भारत ने दूसरी बड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 13 वायुसेना अड्डों और सैन्य ठिकानों को टारगेट किया।
लगातार चार दिन तक चले इस संघर्ष के बाद 10 मई को पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) ने भारत से संपर्क कर सैन्य कार्रवाई रोकने का आग्रह किया। दोनों देशों के बीच सहमति बनी और सभी सैन्य गतिविधियाँ रोक दी गईं।

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