G7 सम्मेलन में पीएम मोदी: आतंकवाद पर दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे

 

G7 सम्मेलन में पीएम मोदी: आतंकवाद पर दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे

📰 आतंकवाद पर दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे: G7 सम्मेलन में पीएम मोदी का बड़ा बयान

Kananaskis (Canada), जून 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में आयोजित G7 Outreach सत्र के दौरान आतंकवाद को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अब आतंकवाद पर दोहरे मापदंड की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह स्पष्ट संकेत दिया कि कुछ देश खुलेआम आतंकवाद को समर्थन देते हैं और इसके बावजूद उन्हें आर्थिक मदद जैसे पुरस्कार दिए जाते हैं — यह बात उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कही।


🔴 आतंकवाद को बताया “मानवता का दुश्मन”

पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद ना केवल किसी एक देश के खिलाफ है, बल्कि यह पूरे लोकतांत्रिक विश्व के लिए खतरा है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल 2025 में हुए आतंकी हमले को मानवता पर हमला बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने की अपील की।

"आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। यह हर उस देश के खिलाफ है जो लोकतांत्रिक मूल्यों को मानता है। अगर कोई देश आतंकवाद को समर्थन देता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी," - पीएम मोदी, G7 में


⚖️ दोहरा रवैया और प्रतिबंध नीति पर सवाल

प्रधानमंत्री मोदी ने G7 नेताओं को सीधे कहा कि दुनिया को अब "चयनात्मक प्रतिबंध" की नीति छोड़नी होगी।
उन्होंने कहा:

"एक तरफ हम जल्दी से-जल्दी मनपसंद देशों पर प्रतिबंध लगा देते हैं, वहीं दूसरी ओर जो देश खुलेआम आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उन्हें इनाम दिया जाता है।"

यह बयान उन वैश्विक शक्तियों के लिए एक कड़ा संदेश था जो रणनीतिक फायदे के लिए आतंक समर्थक देशों को नजरअंदाज करते हैं।


🌍 ऊर्जा सुरक्षा और ग्रीन इनिशिएटिव्स पर भारत की पहल

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में ऊर्जा सुरक्षा की आवश्यकता और सस्टेनेबल विकास को लेकर भारत की प्रतिबद्धता भी साझा की। उन्होंने दुनिया के सामने भारत के तीन प्रमुख वैश्विक प्रयासों का उल्लेख किया:

  1. इंटरनेशनल सोलर एलायंस (ISA)

  2. कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेज़िलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (CDRI)

  3. ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस

इन पहलों के माध्यम से भारत न केवल स्वच्छ ऊर्जा की ओर अग्रसर हो रहा है, बल्कि ग्लोबल साउथ की आवाज़ को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर ला रहा है।


🧭 वैश्विक दक्षिण (Global South) की प्राथमिकताओं को उठाया

पीएम मोदी ने G7 के मंच पर भारत की भूमिका को केवल एक भागीदार नहीं बल्कि Global South की आवाज़ के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत का यह कर्तव्य है कि वह उन देशों की चिंताओं और प्राथमिकताओं को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचाए, जिनकी आवाज़ अक्सर दबा दी जाती है।


🤖 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और वैश्विक गवर्नेंस

पीएम मोदी ने AI के संदर्भ में वैश्विक नीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि AI का विकास मानवीय दृष्टिकोण से होना चाहिए, जिससे नवाचार (innovation) बढ़े और दुनिया एक न्यायपूर्ण तकनीकी ढांचे की ओर बढ़ सके।


📌 निष्कर्ष

कनाडा के G7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह भाषण सिर्फ भारत की विदेश नीति को ही नहीं दर्शाता, बल्कि यह विश्व स्तर पर आतंकवाद, ऊर्जा नीति, और तकनीकी समानता जैसे अहम मुद्दों पर एक सशक्त भारतीय दृष्टिकोण को सामने रखता है।
यह स्पष्ट है कि भारत अब न केवल समस्याओं पर बोलता है, बल्कि समाधान का नेतृत्व भी करता है।


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