चीनी F7 फाइटर जेट बांग्लादेश में हुआ क्रैश सस्ता जुगाड़ बांग्लादेशी को कितना महंगा पड़ा पूरी कहानी जेट की कीमत का असर
तो दोस्तों बांग्लादेश को एक शहर ढाका में एक स्कूल के ऊपर चीनी F7 फाइटर जेट का क्रश होना सिर्फ एक हवाई हादसा नहीं था बल्कि एक बड़े सवाल का जवाब भी बन गया क्या सस्ता जुगाड़ हमेशा महंगा पड़ता है यह घटना दोस्तों मीडिया में छाई रही सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर काफी ज्यादा चर्चा करी और कई एक्सपट्र्स नहीं यह सवाल उठाया है कि चीन से खरीदे गए F7 जेट्स जैसे पुराने और आउटडेटेड जेट आज के मॉडर्न एयर डिफेंस के लायक है या फिर नहीं।
Read this also👉https://www.thenukkadnews.in/2025/07/202507duniya-ke-sabse-shaktishali-desh-gdp-july-2025.html.htmlयह क्रश दोस्तों बांग्लादेश के लिए एक झटका था ना कि केवल फाइनेंशियल लेवल की इमोशनली और स्ट्रैटेजिक भी इस आर्टिकल में दोस्तों हम इस क्रश को पूरी कहानी F7 फाइटर जेट की असली कीमत उसके क्लोज और बांग्लादेश जैसे डेवलपिंग देश के लिए इस तरह का डिसीजन का लंबा असर समझेंगे।
F7 फाइटर जेट एक पुरानी दास्तान का मॉडर्न इंपैक्ट
दोस्तों चीनी F7 जेट असल में एक रिवर्स इंजीनियर वजन है रूस एमआईजी-21 का चीन ने दोस्तों इसे अपने तरीके से मॉडिफाई करके 1960 में प्रोडक्शन शुरू कर था बांग्लादेश ने भी 1980 और 90s के दौरान में इस जेंट्स को अपनी एयर फोर्स में शामिल करा था यह जेट्स तब के लिए तो एक अफॉर्डेबल चॉइस थी लेकिन दोस्तों मॉडर्न वाॅरफेयर के स्टैंडर्ड के हिसाब से यह फाइटर जेट आउटडेटेड हो चुके हैं।
यह जीत ज्यादा परिसर ऑपरेशंस के लिए नहीं है बल्कि ट्रेनिंग लो कॉस्ट पेट्रोल और लिमिटेड एयर डिफेंस के लिए ज्यादा इस्तेमाल कर जाते हैं लेकिन दोस्तों जब ऐसे एजेंट पुरानी हो जाते हैं तो उनके मेंटेनेंस और इस पर पार्ट्स भी काफी दौड़ते हो जाते हैं तब दोस्तों उनका क्रश होना सिर्फ वक्त की बात रह जाती है।
क्रश की कहानी एक स्कूल का बन गया रनवे
दोस्तों जुलाई 2025 में बांग्लादेश के ढाका के एक कवरेज एरिया में एक F7 फाइटर जेट क्रैश हो गया था जेट उड़ान के कुछ ही समय बाद टेक्निकल फेल्योर के चलते कंट्रोल को बैठा और एक गवर्नमेंट स्कूल के कैंपस में जाकर गिर गया खुशकिस्मती यही रही की स्कूल समर ब्रेक पर था और बच्चे वहां पर मौजूद नहीं थे पायलट इंजेक्ट हो गया है लेकिन दोस्तों स्कूल की बिल्डिंग और आसपास के एरिया को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है इस हादसे ने दोस्तों देश में हलचल मचा दी है जहां पर एक तरफ लोगों ने इस घटना के लिए चाइनीस टेक्नोलॉजी को जिम्मेदार चल रहा है वहीं पर दूसरी तरफ बांग्लादेश एयर फोर्स के डिसीजंस पर भी काफी ज्यादा सवाल उठे हैं।
F7 फाइटर जेट की कास्ट सस्ता दिखाने वाला या फिर महंगा पड़ने वाला
दोस्तों F7 की मार्केट प्राइस मॉडर्न जीत के मुकाबले में काफी ज्यादा कम होती है जब भी बांग्लादेश ने इंजेक्ट्स को खरीदा था तब एक जीत की प्राइस लगभग 8 मिलियन डॉलर्स से 10 मिलियन डॉलर्स के करीब थी जो कि भारतीय रुपए में देखा जाए तो 65 करोड रुपए से लेकर 80 करोड रुपए के बीच में थी यह प्राइस मॉडर्न फाइटर जेट जैसे की रिफिल 1600 करोड रुपए या फिर f16 जो की 700 करोड़ के मुकाबले में बहुत ही ज्यादा काम है
Read this also👉https://www.thenukkadnews.in/2025/07/202507crypto-currency-ka-badhta-prabhav-digital-revolution.html.htmlलेकिन दोस्तों समझ से यह है कि लो कास्ट का मतलब यह नहीं है की परफॉर्मेंस भी अच्छी हो इन जेंट्स की ऑपरेशनल कॉस्ट और मेंटेनेंस लगातार बढ़ती रही और इनका सेफ्टी रिकॉर्ड भी क्वेश्चनेबल हो चुका है बांग्लादेश के लिए यह एयरक्राफ्ट एक वक्त में तो अफॉर्डेबल लग रहे थे लेकिन दोस्तों आज वही एयरक्राफ्ट उनके लिए फाइनेंशली और स्ट्रैटेजिक बर्डन बन चुके हैं।
चीन से डिफेंस परचेज फायदा या फिर हुआ नुकसान
दोस्तों बांग्लादेश जैसे डेवलपिंग देश चीन से डिफेंस इक्विपमेंट खरीदने हैं क्योंकि उन्हें कम दाम में हाई पावर वाले टूल्स मिल जाते हैं लेकिन दोस्तों यह डिसीजन समय के लिए सक्सेसफुल नहीं होते चाइनीस जीत और मिलिट्री टेक्नोलॉजी पर काफी ज्यादा अक्सर यह आरोप लगाते रहते हैं कि उनका क्वालिटी स्टैंडर्ड और वेस्टर्न या फिर राशन इक्विपमेंट के मुकाबले में काफी ज्यादा काम है F7 जीत की इस बात का एक प्रत्यक्ष उदाहरण बन गया है।
स्क्रैच के बाद दोस्तों डिफेंस एक्सपर्ट्स ने बांग्लादेश के इस डिसीजंस को इट्स रिस्पांसिबल कहा है उन्होंने यह भी हाईलाइट करा है कि यह एयरक्राफ्ट आउटडेटेड है ऐसे और पुरानी जेट्स को रिटायर कर देना चाहिए बांग्लादेश गवर्नमेंट ने भी अभी प्रक्रिया शुरू कर दिया है जिसमें की फ्यूचर में ऐसा किसी भी सस्ते और आउट डेट टेक्नोलॉजी वाले डिफेंस रिक्वायरमेंट से बचने की कोशिश करी जा रही है।
F7 जेट क्रैश हादसा या फिर वार्निंग सिग्नल
दोस्तों यह इंसिडेंट सिर्फ एक क्रश नहीं एक वार्निंग भी थी ना कि सिर्फ बांग्लादेश के लिए बल्कि उन सभी डेवलपिंग देशों के लिए जो की लो कॉस्ट डिफरेंट इक्विपमेंट के चक्कर में हाई रिस्क टेक्नोलॉजी खरीद लेते हैं जब भी फाइटर जेट जैसे हाई स्पीड हाई रिस्पांसिबिलिटी इस मशीनस की बात होती है तो दोस्तों के का मतलब डेंजरस हो सकता है।
बांग्लादेश को दोस्तों अब यह समझ लेना चाहिए कि मॉडर्न एयरफोर्स सिर्फ एयरक्राफ्ट से नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी मेंटेनेंस इंफ्रास्ट्रक्चर और सेफ्टी कलर से बनती है F7 जैसे जेट्स आज के डिजिटल कंट्रोल एयर कॉम्बैट के लायक नहीं रहे ।
क्या है F7 जैसे fighter jet का फ्यूचर
बांग्लादेश और कुछ नए देश जैसे कि नाइजीरिया पाकिस्तान म्यांमार भी दोस्तों अब F7 को ग्रैजुअली रिटायर करने की प्लानिंग कर रहे हैं इंजेक्ट की जगह से दोस्तों नई जनरेशन के एयरक्राफ्ट जैसे कि जेफ 17 ग्रिफिन या फिर इंपोर्टेड सेकंड हैंड f16 जैसे ऑप्शंस एक्सप्लोरर कर जा रहे हैं लेकिन दोस्तों इसका मतलब यह भी है कि नहीं एयरक्राफ्ट के लिए इन्वेस्टमेंट काफी ज्यादा चाहिए ट्रेनिंग मेंटेनेंस पायलट के ट्रेनिंग प्रोग्राम और दोस्तों नई टेक्नोलॉजी का इंफ्रास्ट्रक्चर यह सब सिर्फ एक आपसे नहीं बल्कि पूरे डिफेंस इकोसिस्टम से जुड़ा हुआ है।
निष्कर्ष सस्ता हमेशा अच्छा नहीं होता
चीनी F7 फाइटर जेट का बांग्लादेश में स्कूल के ऊपर क्रश होना एक इमोशनली और प्रैक्टिकल झटका है यह हादसा दोस्तों सिर्फ एक जीत के गिरने का नहीं है बल्कि पूरी पॉलिसी के गिरने का सिंबल है डेवलपिंग देश जब अपनी रक्षा की सोच में सस्ता ऑप्शन चुन लेते हैं तो कभी-कभी उन्हें बुद्धिस्म काफी ज्यादा महंगे भी पड़ जाते हैं।
❓ FAQs सुझाव:
F-7 फाइटर जेट क्या है और इसे कौन बनाता है?
F-7 एक चीनी फाइटर जेट है जिसे चीन की एयरक्राफ्ट कंपनी Chengdu Aircraft Corporation बनाती है।बांग्लादेश में यह फाइटर जेट क्यों क्रैश हुआ?
शुरुआती रिपोर्ट्स तकनीकी खराबी या पायलट की गलती की ओर इशारा करती हैं, लेकिन आधिकारिक जांच जारी है।F-7 जेट की कीमत कितनी होती है?
एक F-7 जेट की अनुमानित कीमत लगभग 8–12 मिलियन डॉलर होती है, जो अन्य आधुनिक जेट्स के मुकाबले सस्ती मानी जाती है।क्या बांग्लादेश को चीन से हथियार लेना बंद कर देना चाहिए?
यह सवाल अब राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और दीर्घकालिक सामरिक समझौते पर निर्भर करता है।क्या यह क्रैश भारत के लिए भी चिंता का विषय है?
भारत की सुरक्षा नीति को पड़ोसी देशों के सैन्य क्रियाकलापों पर बारीकी से नजर रखनी होती है, विशेषकर जब मामला चीन से जुड़ा हो।





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