मुकुल देव की कहानी: एक सच्चा कलाकार जो हर फ्रेम में जीता है
मुकुल देव एक ऐसा नाम है जिसे भले ही हर कोई पहली नजर में न पहचाने, लेकिन जब आप उन्हें स्क्रीन पर देखते हैं — तो नजरें टिक जाती हैं। उनका अभिनय में एक अलग तरह का नैचुरल फ्लो है, जिसे न तो ज़ोर-ज़बरदस्ती से पैदा किया जा सकता है और न ही एक्टिंग स्कूलों में सिखाया जा सकता है।
दिल्ली में जन्मे मुकुल देव ने अपना शुरुआती जीवन आम बच्चों की तरह बिताया, लेकिन उनके सपने थोड़े खास थे। उन्होंने फिल्मों की दुनिया को सिर्फ पर्दे पर देखा नहीं, बल्कि उसमें अपना नाम बनाने की ठान ली थी। एक्टिंग की सही तालीम लेने के लिए उन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया
अब कभी मुकुल को बड़े पर्दे पर नहीं देख पाऊंगा
विंदु मुकुल देव के साथ 'सन ऑफ सरदार' फिल्म में काम कर चुके एक्टर विंदु दारा सिंह ने मुकुल के निधन पर शेक जताया। उन्होंने एक्स पर मुकुल को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ अपना एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें दोनों हंसी-ठिठोली करते दिख रहे हैं। इसके कैप्शन में लिखा, 'आपकी आत्मा को शांति मिले मेरे भाई मुकुल देव। आपके साथ बिताया गया समय हमेशा संजोकर रखा जाएगा और 'सन ऑफ सरदार 2' में आपका अंतिम गाना होगा, जहां आप दर्शकों में खुशी और आनंद फैलाएंगे और उन्हें हंसाते हुए लोटपोट कर देंगे।
उनकी पहली फिल्म ‘दस्तक’ (1996) थी, जिसमें उन्होंने एक पुलिस अफसर का किरदार निभाया। ये फिल्म भले ही सुपरहिट न रही हो, लेकिन मुकुल के काम ने फिल्म इंडस्ट्री का ध्यान खींचा। इसके बाद वो कई हिंदी और रीजनल भाषाओं की फिल्मों में नज़र आए — जिनमें ‘कयामत’, ‘मुुझे कुछ कहना है’, ‘यमला पगला दीवाना’ और ‘सन ऑफ सरदार’ जैसी फिल्में शामिल हैं।
मुकुल सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने टीवी की दुनिया में भी खुद को साबित किया — ‘साथी’, ‘कभी कभी’ जैसे शो में शानदार परफॉर्मेंस दी और एक वक्त पर रियलिटी शो ‘खतरों के खिलाड़ी’ में भी हिस्सा लिया।
आपको जानकर हैरानी होगी कि मुकुल देव एक ट्रेंड पायलट भी हैं। मतलब, अगर कभी उन्हें फिल्मों से ब्रेक लेना पड़े, तो वो उड़ानों की दुनिया में भी खुद को साबित कर सकते हैं। यह उनकी बहुआयामी प्रतिभा का सबसे बड़ा सबूत है।
भले ही मुकुल देव ने कभी बहुत ज़्यादा लाइमलाइट में रहने की कोशिश नहीं की, लेकिन उन्होंने हर रोल को इस तरह निभाया कि लोग उन्हें याद रख सकें। उनकी कहानी उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो बिना किसी गॉडफादर के, सिर्फ मेहनत और हुनर के दम पर सपने पूरे करना चाहते हैं।

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