भारत-निर्मित बराक-8 ने दिखाया दम! ईरान-इज़राइल युद्ध में इज़राइल ने गिराया ईरानी ड्रोन
ईरान-इज़राइल तनाव के बीच भारत के लिए बड़ी खबर
यह कार्रवाई सिर्फ सैन्य जीत नहीं है; यह भारत की रक्षा तकनीक की विश्वव्यापी पहचान और भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की अंतरराष्ट्रीय सफलता भी दिखाती है।
क्या है बराक-8? जानिए इसकी खासियतें
मुख्य विशेषताएं:
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गति: Mach 2 (आवाज की गति से दुगुनी तेज़)
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वारहेड: 60 किलोग्राम का proximity-fused विस्फोटक
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कवरेज: 360 डिग्री, यानी चारों तरफ से खतरे का जवाब
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गाइडेंस सिस्टम: MF-STAR AESA रडार और एक्टिव रडार सीकर के साथ
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टारगेट क्षमता: एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला कर सकता है
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लॉन्च तकनीक: वर्टिकल लॉन्चिंग से तुरंत प्रतिक्रिया
भारत में पहले भी दिखा चुका है दमभारत में भी बराक-8 का परीक्षण और उपयोग सफल हुआ है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, इसने हरियाणा के सिरसा क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से छोड़े गए Fatah-II मिसाइल को इंटरसेप्ट किया और उसे मार गिराया। संभवतः ये मिसाइल दिल्ली की ओर जा रही थीं।
- नौसेना के युद्धपोतों जैसे INS कोलकाता, INS चेन्नई, INS विक्रमादित्य और प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स में भी यह प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की गई है।
'मेक इन इंडिया' का असली उदाहरण
बराक-8 सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक रक्षा साझेदारी का प्रतीक बन चुका है। इसके निर्माण और एकीकरण में भारत की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ शामिल हैं:
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भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL)
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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)
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L&T और TATA Group
9 सितंबर 2021 को जैसलमेर में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना को इसका पहला फायरिंग यूनिट सौंपा गया था। आज यह सिस्टम भारतीय सेना की पाँच रेजिमेंट्स में पूरी तरह से तैनात है।
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वैश्विक मंच पर भारत की ताकत
बराक-8 के कुल सौदे $3 बिलियन से भी अधिक हैं। यह अब भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता और तकनीकी विश्वसनीयता को और मज़बूत करता है, क्योंकि इज़राइल जैसे युद्ध-कुशल देश ने इसे वास्तविक युद्ध में इस्तेमाल कर सफलता हासिल की है।
इज़राइल ने ईरानी ड्रोन को इस तंत्र का उपयोग कर मार गिराया, जो भारत को गर्व की बात है और दुनिया को दिखाता है कि भारत अब सिर्फ हथियार खरीदने वाला नहीं, बल्कि उन्हें बनाने और निर्यात करने वाला भी देश बन चुका है।


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