ईरान पर अमेरिका का बड़ा हमला, मोदी-पुतिन समेत वैश्विक नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया

 ईरान पर अमेरिका का हमला: वैश्विक शक्तियों की चेतावनी, भारत, तुर्की, रूस की कड़ी प्रतिक्रियाएं | अमेरिका-ईरान तनाव बढ़ा

"ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के बमवर्षकों द्वारा हमला – फोर्डो, नतांज और इस्फहान की डिजिटल इमेज"

नई दिल्ली –  रविवार को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों (फोर्डो, नतांज और इस्फहान) पर जोरदार हवाई हमला किया, जो अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष में एक नया मोड़ ले गया। ईरान ने हमलों को “बर्बर हमला” बताया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी, जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों को “इतिहास का सबसे साहसी फैसला” बताया।

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ईरान की चेतावनी: "ज्ञान को बम से नहीं मिटा सकते"

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरक़ची ने कहा कि “अब कूटनीति का समय खत्म हो गया है।” ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने पुष्टि की कि तीनों परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया है, लेकिन ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखेगा।

ईरानी संसद के अध्यक्ष के सलाहकार मेहदी मोहम्मदी ने भी कहा, “यह साइट पहले ही खाली कर दी गई थी..। बम ज्ञान को समाप्त नहीं कर सकता। ”

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🇺🇸 अमेरिका का दावा: “बड़ी सैन्य सफलता”

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को “बहुत बड़ी सैन्य सफलता” बताया और चेतावनी दी कि अगली कार्रवाई और भी कठोर होगी अगर ईरान कोई जवाबी हमला करता है।

“ईरान अब शांति की ओर बढ़े, वरना अगली बार विनाश उससे कहीं अधिक होगा,” उन्होंने कहा। ”

🇮🇳 भारत की शांति की अपील: पीएम मोदी और ईरानी राष्ट्रपति के बीच फोन पर बातचीत

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर 45 मिनट तक ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान से बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “तत्काल डी-एस्केलेशन, संवाद और कूटनीति” ही एकमात्र विकल्प है।

PM मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर उपयोगकर्ता) पर लिखा:

ईरान के राष्ट्रपति ने @drpezeshkian से फोन किया। वर्तमान हालात पर चिंता व्यक्त की। समाधान बातचीत, स्थिरता और शांति है। ”


🇷🇺 रूस के साथ ईरान की रणनीतिक बैठक

हमलों के कुछ घंटे बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरक़ची ने मास्को चला गया। उसने बताया कि “कल सुबह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से गहन बातचीत होगी।” ”

विशेषज्ञों का मत है कि रूस इस अवसर को अमेरिका के खिलाफ ईरान के साथ मिलकर संघर्ष करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

🇹🇷 तुर्की की चेतावनी: “एक विनाशकारी युद्ध का खतरा”

तुर्की ने इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह हमला पूरे मध्य-पूर्व को “अविनाशकारी युद्ध” की ओर धकेल सकता है। तुर्की ने ओआईसी (इस्लामिक देशों का संगठन) की आपात बैठक बुलाने की मांग भी की है।

🇵🇰 पाकिस्तान की तीखी प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने अमेरिका के इस कदम को “संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन” करार दिया और ईरान के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया। पाकिस्तानी संसद और सैन्य नेतृत्व ने क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ आपात योजना बनाने की बात कही।

🇸🇦 सऊदी अरब की संतुलित प्रतिक्रिया

सऊदी अरब ने भी स्थिति को लेकर “गहरी चिंता” जताई और ईरान को “भाईचारा वाला इस्लामी देश” कहा। यह बयान दोनों खाड़ी देशों के बीच नरमी के संकेत देता है, जो हाल के वर्षों में टकराव में रहे हैं।

🇬🇧 ब्रिटेन की ट्रंप समर्थक प्रतिक्रिया

Британी प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने अमेरिका के हमलों का समर्थन करते हुए कहा, “ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और इसे नष्ट करना जरूरी था।” ”

यह बयान यूरोपीय देशों के स्वर से पूरी तरह अलग था, जो शांति और कूटनीति का समर्थन करते थे।

 संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमलों को “खतरनाक उकसाव” कहा और चेतावनी दी कि यह संकट “नियंत्रण से बाहर” जा सकता है, जिससे “नागरिकों, क्षेत्र और पूरे विश्व” के लिए गंभीर खतरे पैदा होंगे।

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