💔 "हनीमून नहीं, मौत की साजिश थी ये यात्रा" – मेघालय के जंगलों में उजड़ गया एक नवविवाहित का सपना
राजा रघुवंशी का सपना था कि शादी के बाद अपनी पत्नी के साथ जीवन की एक नई शुरुआत करे। लेकिन क्या उसे अंदाजा था कि वह जो प्यार समझ रहा है, वही उसकी मौत का रास्ता बन जाएगा? अपने हनीमून के लिए निकले राजा का शव कुछ ही दिनों बाद मेघालय के सघन जंगलों में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। उसकी पत्नी, सोनम रघुवंशी, और उसके कथित प्रेमी राज कुशवाहा पर अब उसकी हत्या की साजिश रचने का आरोप है।
"मम्मी, वो मुझमें दिलचस्पी नहीं लेती…"
राजा ने ट्रेन में चढ़ने से पहले अपनी मां से जो अंतिम बात कही, वह आज एक भविष्यवाणी सी लगती है। “मम्मी, वो मुझमें इंटरेस्टेड नहीं है,” राजा ने कहा था। यह वही भावना थी, जिसे वह शायद शुरुआत से महसूस कर रहा था, लेकिन नजरअंदाज कर रहा था।
घूमने का बहाना — पर असल इरादा कुछ और था
राजा और सोनम ने अपने परिवार को बताया कि वे असम के कामाख्या मंदिर के दर्शन करने जा रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह थी कि उन्होंने कोई वापसी टिकट नहीं बुक किया था। फिर अचानक वे मेघालय पहुंच गए — किसने फैसला लिया? क्यों?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनम पहले से ही अपने परिवार के नौकर राज कुशवाहा के साथ संबंध में थी। उसे राजा की संपत्ति और पैसों का लालच था। शादी के कुछ ही हफ्तों बाद उसने राजा से ₹9 लाख नकद और गहने साथ ले जाने को कहा — यह सब पहले से योजना का हिस्सा था।
हत्या और ढोंग की पटकथा
मेघालय के जिस जंगल में राजा की हत्या की गई, वहां एक लोकल गाइड ने सोनम को राजा और हमलावरों के पीछे चलते हुए देखा था। यह वही सुराग था जिससे पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। गिरफ्तारी के बाद सामने आया कि सोनम और कुशवाहा के साथ दो और लोग भी इस साजिश में शामिल थे।
सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि राज कुशवाहा अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, और सोनम के पिता के साथ बैठकर “शोक” जताता रहा। यह सब सच्चाई से दूर करने की साजिश थी।
एक मां की पुकार: “मेरा बेटा अंधा भरोसा करता था…”
राजा की मां उमा रघुवंशी ने कहा,
“उसने 9 लाख रुपये लिए, गहने मंगवाए, मेरा बेटा उस पर अंधा भरोसा करता था… वो लड़की सिर्फ दिखावा कर रही थी।”
निष्कर्ष: रिश्तों का विश्वास जब मौत में बदल जाए
इस घटना ने न केवल एक युवक की जान ली, बल्कि यह समाज के सामने एक बड़ा सवाल भी खड़ा करती है — क्या आज के रिश्तों में वाकई सच्चाई बची है? क्या लालच और झूठ ने भरोसे की जगह ले ली है?
राजा की हत्या एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि भरोसे की हत्या है।

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