2030 तक भारत की कंपनियों को 2 ट्रिलियन डॉलर का मौका: McKinsey रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
नई दिल्ली: भारत की कंपनियों में वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी जलह मजबीस का सुनहरा अवसर है५हरा हवसर McKinsey & Company की नई रिपोर्ट "India’s Future Arenas: Engines of Growth and Dynamism" में दावा किया गया है कि 2030 तक भारत की 18 उच्च-विकास क्षेत्रों में $1.7 से $2 ट्रिलियन तक का राजस्व उत्पन्न किया जा सकता है, जो कि 2023 में $690 बिलियन था।
किन 18 क्षेत्रों में छुपा है भारत का भविष्य?
इस रिपोर्ट में जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है, वे भारत की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। ये क्षेत्र हैं:
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इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) और बैटरियां
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सॉफ्टवेयर और सेवाएं
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ई-कॉमर्स
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सेमीकंडक्टर्स
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मेडिकल डिवाइसेज़ और बायोफार्मा
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एयरोस्पेस और डिफेंस
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क्लाउड कंप्यूटिंग
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साइबर सुरक्षा
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इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स
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रिन्यूएबल एनर्जी विद स्टोरेज
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रोबोटिक्स
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अर्बन कंस्ट्रक्शन
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ऑटो कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग
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अंतरिक्ष अनुसंधान (Space)
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न्यूक्लियर फिशन
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यात्रा और पर्यटन
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बायो-टू-एक्स इकोनॉमी
क्या है बायो-टू-एक्स इकोनॉमी?
2040 तक 30% अतिरिक्त GDP इन्हीं क्षेत्रों से?
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रणनीति क्या होनी चाहिए?
रिपोर्ट के अनुसार, इन क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए भारत को चार रणनीतिक मार्गों पर चलना होगा:
1. बुनियादी ढांचे पर ध्यान (सेमीकंडक्टर्स, रोबोटिक्स, न्यूक्लियर फिशन)
2. राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के लिए स्केल-अप (ई-कॉमर्स, रिन्यूएबल एनर्जी, शहरी निर्माण)
3. वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना (EVs, मेडिकल डिवाइसेज़, बायोटेक, एयरोस्पेस)
4. वैश्विक नेतृत्व हासिल करना (AI, ऑटो पार्ट्स, साइबर सुरक्षा, स्पेस टेक)
इन क्षेत्रों में भारत पहले से ही मजबूत स्थिति में है, अब ज़रूरत है वैश्विक बाज़ारों में नेतृत्व स्थापित करने की।
निवेशकों और नीति-निर्माताओं के लिए अवसर
McKinsey के पार्टनर भावेश मित्तल ने बताया कि इन सभी क्षेत्रों को चुनते समय तीन बातों का ध्यान रखा गया:
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तकनीकी या बिज़नेस मॉडल में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता
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निवेश में तेजी लाने की संभावना
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बड़ा और बढ़ता हुआ बाज़ार
उनके अनुसार, “हर क्षेत्र में भारत की अलग-अलग सामर्थ्य और वैश्विक-घरेलू बाज़ार फोकस के अनुसार अलग रणनीति अपनानी होगी।”
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