भारत में बनेगा Falcon 2000 जेट – अनिल अंबानी की रिलायंस और फ्रांस की Dassault की बड़ी डील, डिलीवरी 2028 से शुरू
नई दिल्ली – भारत अब केवल रक्षा आयातक देश नहीं, बल्कि एक बिजनेस जेट निर्माता राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है।
अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और फ्रांस की प्रतिष्ठित विमान निर्माता कंपनी Dassault Aviation ने हाथ मिलाया है ताकि भारत में ही Falcon 2000 जेट्स बनाए जा सकें।
यह पहला मौका है जब Dassault Aviation अपने किसी Falcon सीरीज के विमान को फ्रांस के बाहर असेंबल करेगी — और वो भी भारत के नागपुर में।
✈️ क्या है यह समझौता?
📍 Paris Air Show 2025 के दौरान यह घोषणा की गई कि नागपुर स्थित Dassault Reliance Aerospace Limited (DRAL) प्लांट को Falcon 2000 जेट के लिए फाइनल असेंबली लाइन बनाया जाएगा।
यह भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करता है जहां बिजनेस जेट्स का निर्माण होता है।
यह विमान न केवल कॉर्पोरेट सेक्टर, बल्कि सैन्य (defence) ज़रूरतों के लिए भी उपयोगी होंगे।
🏗️ नागपुर बनेगा वैश्विक केंद्र
साझा बयान के अनुसार:
“Nagpur facility को ‘Global Centre of Excellence’ के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां भविष्य में Falcon 6X और 8X जैसे हाई-एंड बिजनेस जेट्स की असेंबली भी होगी।”
DRAL, जो 2017 में शुरू हुआ था, पहले ही 100+ Falcon 2000 सब-सेक्शन निर्यात कर चुका है।
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🤝 ‘Make In India’ को मिलेगा नया आयाम
अनिल अंबानी ने कहा:
“यह साझेदारी PM नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘Make in India for the World’ विज़न को आगे बढ़ाती है।”
Dassault के CEO एरिक ट्रैपियर ने कहा:
“DRAL की भूमिका अब और भी अहम होगी — और यह हमारे रणनीतिक रोडमैप का हिस्सा है।”
🔧 क्या-क्या बनेगा भारत में?
नागपुर स्थित DRAL सुविधा में निम्नलिखित असेंबली होगी:
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Falcon 2000 के फ्यूसलाज, विंग और फ्रंट सेक्शन
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भविष्य में Falcon 6X और 8X के फ्रंट फ्यूसलाज का कार्य
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Dassault द्वारा टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और अपग्रेडेड प्रोडक्शन लाइन
👷 नौकरी और इंजीनियरिंग अवसर
इस प्रोजेक्ट से:
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हज़ारों इंजीनियर और तकनीशियन की जरूरत होगी
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भारत में एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग के लिए स्किल डेवेलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा
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नागपुर एक एविएशन टेक्नोलॉजी हब बनकर उभरेगा
🇮🇳 भारत बना वैश्विक एविएशन हब?
यह डील भारत को अमेरिका, फ्रांस, कनाडा जैसे देशों की श्रेणी में खड़ा करती है जो ग्लोबल जेट मार्केट के लिए एयरक्राफ्ट बना सकते हैं।
एक हफ्ते पहले ही Reliance Defence ने जर्मनी की Diehl Defence से ₹10,000 करोड़ का समझौता किया था, जो India में ही Vulcano 155mm प्रिसिजन आर्टिलरी सिस्टम बनाएगा।
📌 निष्कर्ष
भारत की आकाशगंगा अब केवल मिसाइलों और सैटेलाइट्स से नहीं, बल्कि बिजनेस जेट्स से भी चमकेगी।
Falcon 2000 का भारत में निर्माण न केवल आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को भी दुनिया के सामने प्रस्तुत करता है।
🚀 2028 से जब पहला Falcon जेट नागपुर से उड़ान भरेगा — तो वो भारत की टेक्नोलॉजिकल क्रांति का नया चेहरा होगा।

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