भारत-यूके व्यापार समझौता: कैसे भारतीय किसान बनेंगे सबसे बड़े लाभार्थी?

 भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: भारतीय किसानों के लिए एक नया सवेरा

हाल ही में भारत और यूनाइटेड किंगडम यूके के बीच हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को दोनों देशों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है जहां यह समझौता विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ावा देगा वहीं भारतीय किसानों के लिए यह एक सुनहरा अवसर लेकर आया है मौजूदा स्थिति और नवीनतम खबरों के अनुसार यह समझौता भारतीय कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखता है जिससे हमारे अन्य दाताओं को सीधे तौर पर बड़ा लाभ मिलेगा ।

वर्तमान स्थिति और समझौते की रूपरेखा

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां कृषि लाखों लोगों की आजीविका का मुख्य आधार है हालांकि भारतीय किसानों को अक्सर बाजार तक पहुंच गुणवत्ता मां को और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है इसी पृष्ठभूमि में भारत ब्रिटेन FTA एक गेम चेंजर साबित हो सकता है।

भारत-यूके व्यापार समझौता में किसानों को लाभ

इस समझौते के तहत भारत की 95 प्रतिशत से अधिक कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य टैरिफ लाइनों पर ब्रिटेन में कोई शुल्क नहीं लगेगा इसका सीधा अर्थ है कि भारतीय कृषि उत्पादों को ब्रिटिश बाजारों में शुल्क मुक्ति पहुंच मिलेगी जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त होंगेवर्तमान में ब्रिटेन भारत से केवल 811 मिलियन अमेरिकी डालर मूल्य के कृषि उत्पाद आयात करता है जो समझाने के बाद 20% से अधिक बढ़ने की संभावना है।

किसानों को कैसे मिलेगा लाभ

1. शुल्क मुक्त बाजार पहुंचे भारतीय मसाले हल्दी काली मिर्च इलायची फलों आम सब्जियां अनाज फलों का गुड़ा अचार और तैयार भोजन जैसे कृषि उत्पादों पर ब्रिटेन में आपको शुल्क नहीं लगेगा इससे ब्रिटेन में इन वस्तुओं की लैंडिंग लागत कम होगी जिससे वे वहां के मुख्य धारा और जातियुद्र श्रृंखला में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे किसानों को अपने उत्पादों के लिए प्रीमियम मूल्य प्राप्त होगा जिसे उनकी आय में वृद्धि होगी।

2. उत्पादन विधि कारण को बढ़ावा यह समझौता कटहल बाजार विशिष्ट सब्जियां और जैविक जड़ी बूटियां जैसे नए और उभरते उत्पादों के लिए भी अवसर खुलेगा इससे किसानों को अपने पारंपरिक फसलों से हटकर उच्च मूल्य वाले उत्पादों की ओर बढ़ने का प्रोत्साहन मिलेगा जिससे उन्हें घरेलू मूल्य उतार-चढ़ाव को बेहतर ढंग से प्रबंध करने में मदद मिलेगी यह भारतीय कृषि क्षेत्र को उच्च मात्रा से उच्च मूल्य वाले उत्पादों की ओर बढ़ने में भी मदद करेगा।

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3. समुद्री उत्पादों के लिए बड़ा अफसर आंध्र प्रदेश उड़ीसा केरल और तमिलनाडु जैसे तटीय राज्यों में मत्स्य पालन क्षेत्र को इस समझाने से काफी फायदा होने की उम्मीद है झींगा टूना मछली का आता और चार जैसे समुद्री उत्पादों पर ब्रिटेन में लगने वाले 4.02 प्रतिशत से 8.5% तक के शुल्क को हटा दिया जाएगा इससे भारत के समुद्री खाद्य निर्यात में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है ब्रिटेन का समुद्री आयात बाजार 5.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है जो भारत की नीली अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है।

4. तकनीकी उन्नयन और गुणवत्ता में सुधार वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारतीय किसानों को अपनी उपज की गुणवत्ता और पैकेजिंग में सुधार करना होगा यह समझौता उन्हें नई तकनीक और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा जिससे भारतीय कृषि उत्पादों की वैश्विक पहचान बढ़ेगी।

5. संवेदनशील क्षेत्रों का संरक्षण यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत ने अपने सबसे संवेदनशील कृषि क्षेत्र की सुरक्षा के लिए इस समझौते में सावधानी बढ़ती है डेयरी उत्पाद सब येही और खाद्य तेलों पर कोई तारीफरियायत नहीं दी जाएगी इससे यह सुनिश्चित होगा कि इन क्षेत्रों के घरेलू किसानों के हितों को कोई नुकसान न पहुंचे।

भारत-यूके व्यापार समझौते में लाभ पाने वाले भारतीय किसान और ब्रिटिश व्यापारी की तस्वीर

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चुनौतियां और आगे की राह

हालांकि यह समझौता भारतीय किसानों के लिए ढेर सारे अवसर लेकर आया है कुछ चुनौतियां पर भी ध्यान देना जरूरी है छोटे किसानों तक पहुंच यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि समझौते का लाभ बड़ी निर्यातकों तक ही सीमित ना रहे बल्कि छोटे और सीमांत किसानों तक भी पहुंचे इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे प्रशिक्षण और विपणन सहायता प्रदान करनी होगी।

गुणवत्ता मानक यूके के बाजारों में प्रवेश करने के लिए भारतीय उत्पादों को सख्त गुणवत्ता और स्वच्छता मानकों को पूरा करना होगा किसानों को इन मानव को पूरा करने के लिए समर्थन और मार्गदर्शन की आवश्यकता होगी।

जागरूकता और जानकारी किसानों को इस समझौते से होने वाले लाभों और अफसर के बारे में जागरूक करना महत्वपूर्ण है ताकि वे उनका अधिकतम लाभ उठा सकें।

निष्कर्ष:

भारत ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता भारतीय किसानों के लिए के ऐतिहासिक क्षण है यह उन्हें नए बाजारों तक पहुंच प्रदान करेगा उनकी आय बढ़ाएगा और कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने में मदद करेगा यदि सही नीतियों और समर्थन के साथलागू किया जाए तो यह समझौता वास्तव में भारतीय किसानों को सबसे बड़ा लाभार्थी बन सकता है जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी बल्कि भारत के कृषि निर्यात को भी वैश्विक मंच पर एक नई पहचान मिलेगी यह भारत की आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है जहां हमारा कृषि क्षेत्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा।

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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

Q1. भारत-यूके व्यापार समझौते से किसानों को क्या लाभ मिलेगा?

उत्तर: भारतीय किसानों के कृषि और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स अब यूके में बिना टैक्स के निर्यात किए जा सकेंगे जिससे आमदनी और बाजार दोनों बढ़ेंगे।

Q2. क्या सभी कृषि उत्पाद टैक्स फ्री होंगे?

उत्तर: अधिकतर उत्पादों जैसे चाय, चावल, मसाले, फल-पल्प, फिश आदि टैक्स फ्री होंगे लेकिन डेयरी जैसे संवेदनशील उत्पादों को डील से बाहर रखा गया है।

Q3. क्या छोटे किसानों को भी फायदा होगा?

उत्तर: हां, छोटे किसान जो प्रोसेसिंग यूनिट्स, एफपीओ और कोल्ड स्टोरेज से जुड़े हैं, उन्हें भी निर्यात से प्रत्यक्ष लाभ होगा।

Q4. मछली और समुद्री उत्पादों का क्या होगा?

उत्तर: झींगा, ट्यूना जैसी मछलियों का यूके में ड्यूटी-फ्री निर्यात बढ़ेगा, जिससे तटीय राज्यों के मछुआरे लाभान्वित होंगे।

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